रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान देशभर में गेहूं की बुवाई में जुट गए हैं. लेकिन इस फसल से अच्छी पैदावार पाने के लिए सिर्फ मेहनत ही नहीं, सतर्कता भी जरूरी है. गेहूं की फसल पर कई तरह के कीट और बीमारियां हमला करती हैं, जो फसल की उपज को 20 से 40 प्रतिशत तक घटा सकती हैं.
जैसे-जैसे तापमान गिरता है और दिन छोटे होने लगते हैं, पौधों की जरूरतें भी बदल जाती हैं. कई पौधे इस समय सुप्त अवस्था (Dormant Phase) में चले जाते हैं, यानी उनकी वृद्धि रुक जाती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें पानी की जरूरत नहीं रहती.
हरियाणा के बागवानी विभाग के अनुसार, किसानों को अब न केवल खाद्य फसलों बल्कि फल, सब्जी, फूल और सुगंधित पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए किसानों को कई तरह की सुविधाएं और सरकारी सब्सिडी दी जा रही है.
तमिलनाडु सरकार ने इस बार किसानों को पिछली बार से ज्यादा दाम देने का निर्णय लिया है. 2025-26 के लिए रागी की खरीद कीमत 48,860 रुपये प्रति मीट्रिक टन तय की गई है, जो पिछले साल के 42,900 रुपये प्रति मीट्रिक टन से लगभग 6,000 रुपये अधिक है.
आप अपनी छत या बालकनी को एक छोटे हर्बल गार्डन में बदल दें. ये न सिर्फ आपके घर की खूबसूरती बढ़ाएंगे, बल्कि आपकी सेहत का भी पूरा ख्याल रखेंगे. इन पौधों को लगाना आसान है, देखभाल कम चाहिए और फायदा कई गुना ज्यादा मिलता है.
जेड प्लांट को फेंगशुई में “मनी ट्री” भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा, सौभाग्य और समृद्धि लाता है. इसकी मोटी और चमकीली पत्तियां धन और स्थिरता का प्रतीक हैं. अगर यह पौधा स्वस्थ और हरा-भरा रहता है, तो यह घर में सुख-समृद्धि के बढ़ने का संकेत देता है.